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Showing posts from January, 2023

आज़ादी

जब देखी  थी उन्होनें , आज़ादी की रंगीन तस्वीर , उन्होनें संवारना चाहा था , अपने भारत की ज़ागीर , इस स्वप्न के साथ कि  भारत का नया श्वास होगा , उसमें एक नया रक़्त संचार होगा  ||  क्या जानते थे वो कि , आज़ादी झंकृत होगी , विदेशियों से नहीं , हम खुद से पराधीन होंगे , धर्म, जाती , पाँति के नाम पर  दंगे होंगे , अपना देश बोलकर , प्रांतो में विभक्त होंगे , राजनीति जन  कल्याण से परे होगी , और हम बस तमाशबीन होंगे ||  आज इस आजादी की अमृत काल , में हम सब प्रण लें , गाँधी ,कलाम को रोने न दें , स्वतंत्रता  सेनानियों का बलिदान खोने न दें , उनके स्वप्नों का भारत  सोने न दें  ||