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Showing posts from August, 2013

Musings of Life:Draft

Live life, love life Enjoy life,play with life curse life , grudge life... Everyone has their own story Their own share of joys and sorrows Their own ways to live life Their own success Their own failures Their own ways to stand up from failure... Their own ways to face challenges Their own ways to cross obstacles Make mistakes, learn from them If hay days...be strong Wait for sunshine and be happy If life's journey broken Think of ways to mend and get going... Lost love...move on discard memories which troubles cherish memories which lighten you up If betrayed...forgive them As they lost But you got the lesson for life If failure...try again till you get success This life is yours Live it full

फिर याद आज तू आई (भारत माँ को समर्पित कविता)

बचपन खेला बड़े हुए ... फिर छोड़ गये हम तुझको मुड़ के ना देखा एक बार  भी ना सोचा कभी  कि होगी तुझे हमारी ज़रूरत भी हम खुश थे भूल कर तुझे माँ... उस दुनिया में जो ना था हमारा .... जिससे ना था कोई अपनापन.... पर आज याद आई है तू फिर आँसू छलक पड़े आँखों से ना जाने कैसे भुला दिया तुझको... तेरी गोद में ही खेला जीवन सारा... प्यार भी तुझसे ही पाया.... तेरी रज़ से था प्यार मुझे माँ और कहूँ क्या ज़्यादा... तुझपर शीश नवाऊं मैं अपना जीवन सारा... 

स्वतंत्रता की सार्थकता

बँध गये हैं किस डोर से हम? धर्म और जात पात के बंधन से... या अमीर ग़रीब के अंतर से... या देश विदेश के परिवेश से.... या लोगों के बाहरी भेष से.... या फँस गये.. अराजकता के खंडहर में स्वतंत्र तो हम हो गये... बाहरी लोगों के अंकुश से.... पर आज भी हम बँधे हैं.... खुद के मानसिक क्लेश से... हृदय के द्वेष से..... 66 साल की स्वतंत्रता.... या इंसानियत की प्रतन्त्रता..... क्यूँ भूल गये इंसानियत का धर्म .... बुराइयों से खुद को स्वतन्त्र करना ... ही है हमारा उद्देश्य... जिंदगी तो सभी जिते हैं.... गिरते..पड़ते...हंसते...रोते... जीतकर बुराइयों से जिया तो ही जीना सार्थक है..... जीवन मूल्यों की शिक्षा मिली तो है पर निभाई नहीं है.... कुछ अंदर छुप गया है दुबक कर बैठ गया है... इस आस में की कोई आएगा.. उसे जगाएगा..... ज्वाला बुझ सा गया है.... किसी चिंगारी के इंतज़ार में... फिर से उसे दहक़ाने को.... पर ना कोई आया है...ना कोई आएगा... खुद ही उठना होगा... खुद ही जागना होगा.... हिम्मत कर लड़ना होगा.... ज्वाला को फिर से दहकाना होगा.... और दूसरो को राह दिखाना होगा.... जीत जाएँगे हम अगर विश्वास है..... यही एक जिंदगी ह