माँ मुझे उड़ना था माँ....
पल भर और जीना था माँ....
उँचाइयों को छूना था माँ....
माँ मुझे आगे बढ़ना था माँ....
मुझे रुकना नहीं चलना था माँ...
उस रास्ते पर जो विगम हैं
मुझे थमना नहीं उड़ना था माँ
उस परिवेश को बदलना था माँ
क्यूँ डरती थी समाज से....
उनके अनोखे विवाद से
क्या वो काम आए हैं??
मुझे उनसे झुकना नहीं मुझे डटना था माँ....
क्यूँ मुझे रोका माँ....
क्यूँ मुझे टोका माँ
मा मुझे उड़ना था माँ....
पल भर और जीना था माँ....
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