आज दिल उदास क्यूँ है?
दिल में एक आस क्यूँ है?
सपना तो था वो सदियों का..
आज उनके जजबात क्यूँ है?
क्यूँ लग रहा है कुछ टूटा है...
आज मुझसे कुछ छूटा है....
सदियों पहले की बातें हैं....
आज जिनकी बची खुची यादें हैं.....
उन यादों में दिल बसा है...
उन नगमों में दिल रमा है....
ये तो दुनिया का दस्तूर है....
जो कल तुम्हारा था आज तुमसे दूर है....
तुमनें ने ही उन्हे कभी नकारा था....
अपनी जिंदगी से कभी निकाला था....
और आज क्यूँ रोते हो?
उनकी यादों में खोते हो?
आज दिल उदास क्यूँ है?
दिल में एक आस क्यूँ है?
सपना तो था वो सदियों का..
आज उनके जजबात क्यूँ है?
Comments
Post a Comment