चाय की प्याली !!
कुछ बातें बन जाती हैं ,
कुछ बनके बिगड़ जाती हैं ,
ये जो चाय की प्याली है ,
इसकी बात ही निराली है !!
कभी कुछ किस्से बन जाते हैं ,
कुछ किस्सों के मायने निकल आते हैं ,
यह जो चाय की प्याली है ,
इसकी बात ही निराली है !!
कुछ बातें छुपानी हो ,
या बस मुस्कुरा कर टाल जानी हो ,
सबकी हसीं ख़्याली है ,
यह जो चाय की प्याली है ,
इसकी बात ही निराली है !!
कभी खुद से रुबरु होना हो ,
या अल्फ़ाज़ों को पिरोना हो ,
एक एहसास काफ़ी है ,
यह जो चाय की प्याली है ,
इसकी बात ही निराली है !!
कभी बदहवास हँसना हो ,
या ग़म में डूब जाना हो ,
ये अकेलेपन की सहेली है ,
यह जो चाय की प्याली है ,
इसकी बात ही निराली है !!
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